स्मृति- भेंट " सुन लो मेरे अजीज रेनु और अमित ति | हिंदी Poetry

"" स्मृति- भेंट " सुन लो मेरे अजीज रेनु और अमित तिवारी। सदा खुश रहें आप ये शुभकामनाऐं हमारी।। दावत पर देखी रंग बिरंगी खूबसूरती तुम्हारी। सभागार सहित परिसर में फैल गई उजियारी।। शान्त चित्त की छटा देखी स्वागत में न्यारी। परिचय के समय अधर मुस्कान लगी प्यारी।। जब आई थी इक दिन इनकी नाचने की बारी। संगीत पर ठुमके लगाना दोनों ने किया जारी।। महकती रहेंगी सदा खुशियाँ भरी फुलवारी। चिन्ता मत करो ध्यान रखेंगे मेरे बृजबिहारी।। मेहमानों की खूब कर दी तुमनें मेहमानदारी। शुभवेला पर काव्यभेंट का महेश अधिकारी।। डॉ. एम. के. मामोडिया ©Mahesh Mamodiya"

 " स्मृति- भेंट "

सुन लो मेरे अजीज रेनु और अमित तिवारी।
सदा खुश रहें आप ये शुभकामनाऐं हमारी।।

दावत पर देखी रंग बिरंगी खूबसूरती तुम्हारी।
सभागार सहित परिसर में फैल गई उजियारी।।

शान्त चित्त की छटा देखी स्वागत में न्यारी। 
परिचय के समय अधर मुस्कान लगी प्यारी।।

 जब आई थी इक दिन इनकी नाचने की बारी।
संगीत पर ठुमके लगाना दोनों ने किया जारी।।
      
महकती रहेंगी सदा खुशियाँ भरी फुलवारी।
चिन्ता मत करो ध्यान रखेंगे मेरे बृजबिहारी।।

मेहमानों की खूब कर दी तुमनें मेहमानदारी।
शुभवेला पर काव्यभेंट का महेश अधिकारी।।

     डॉ. एम. के. मामोडिया

©Mahesh Mamodiya

" स्मृति- भेंट " सुन लो मेरे अजीज रेनु और अमित तिवारी। सदा खुश रहें आप ये शुभकामनाऐं हमारी।। दावत पर देखी रंग बिरंगी खूबसूरती तुम्हारी। सभागार सहित परिसर में फैल गई उजियारी।। शान्त चित्त की छटा देखी स्वागत में न्यारी। परिचय के समय अधर मुस्कान लगी प्यारी।। जब आई थी इक दिन इनकी नाचने की बारी। संगीत पर ठुमके लगाना दोनों ने किया जारी।। महकती रहेंगी सदा खुशियाँ भरी फुलवारी। चिन्ता मत करो ध्यान रखेंगे मेरे बृजबिहारी।। मेहमानों की खूब कर दी तुमनें मेहमानदारी। शुभवेला पर काव्यभेंट का महेश अधिकारी।। डॉ. एम. के. मामोडिया ©Mahesh Mamodiya

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