"मैं जानती हूँ तुम क्या कहोगे...
लेकीन मैं फिर भी सुनना चाहती हूँ..
तुम्हारी अपनी कही बातो वादों को..
तुम्हारे अपने होंठों से झूठ होता देखना चाहती हूँ..
मैं देखना चाहती हूँ की तुम अब
ख़ुद तुम, ख़ुद को झूठा साबित कैसे करोगे
सच बोलकर...
©kjl shukla(angel)"