कभी-कभी आपकी मेहनत और लगन से किये गए कार्यों के बदले
आपको वो इज़्ज़त नहीं मिलती जितना आपको मिलनी चाहिए।
नियमों का परिपालन हर इंसान के लिए समान होता है पर
जब आपके अपने उस नियम को ताक पर रख देते हैं,
आप द्वारा की गई मेहनत दूसरे द्वारा की गई चापलूसी
और दबदबे के बीच दम घोंटती प्रतीत हो तो आवश्यक
होता है आपको अपने और उस चाटुकार के मध्य अंतर
स्थापित करने का आवश्यक होता है उस सोच को
आइना दिखाने का कि एक जिम्मेदार इंसान होने
के नाते आपको समझना होगा कि उस तलवे चाटने वाले
और मेहनत करने वाले में अंतर क्या है अन्यथा
जब दिमाग़ फिर जाता है तो वही सिरफिरा आपका
सिर फिरा देगा और आप नियमों की दुहाई देते हुए
स्वयं ही उस चक्रव्यूह में फंस जाएंगे, इसलिए कहते हैं
Rules are made for everone not for single one.
©जीत की नादान कलम से...
#againstthetide