अख़बारों ने मेरे शहर में एम्स बनवाया था..... मैं इल
"अख़बारों ने मेरे शहर में एम्स बनवाया था.....
मैं इलाज को अब भी तरस जाता हूँ,
बेमौत मारा जाता हूँ,
मगर उसके अखबारों में छप नहीं पाता हूँ।
वो चतुर बनता है और आँकड़े दबाता है,
उसको बताओ! बेटा मैं 'बटन' दबाता हूँ।।
- shreyanshu rai'gaurav'"
अख़बारों ने मेरे शहर में एम्स बनवाया था.....
मैं इलाज को अब भी तरस जाता हूँ,
बेमौत मारा जाता हूँ,
मगर उसके अखबारों में छप नहीं पाता हूँ।
वो चतुर बनता है और आँकड़े दबाता है,
उसको बताओ! बेटा मैं 'बटन' दबाता हूँ।।
- shreyanshu rai'gaurav'