(आज बहुत खुशी हो रही है कि 60 वर्ष आपकी पालना में बीते हैं)
खुशी तो आप का श्वास है, आप की खुशी कोई छीन नहीं सकता। कभी खुशी गुम होती है? चाहे कोई आदि रत्न स्थापना के हैं और कोई आदि रत्न सेवा की स्थापना के, दोनों का अपना-अपना महत्व है। ये स्थापना के आदि रत्न वो सेवा के आदि रत्न। आपने स्थापना की लेकिन सेवा की वृद्धि तो इन्होंने की।
अच्छा। ओम् शान्ति।
©Shishir Rane
#परमपिता_के_महा-वाकय#