कुछ बात दिल की कह सकूं उपहास जग का सह सकूं सुख—दुख | हिंदी Quote

"कुछ बात दिल की कह सकूं उपहास जग का सह सकूं सुख—दुख में सम रह सकूं, इतना मुझे अधिकार दो, मुझको न सुख—संसार दो। मैं नित नई पालूं व्यथा मेरी निराली हो कथा जिसका न आदि न अंत हो, वह प्रेम—पारावार दो मुझको न सुख—संसार दो। साहस हृदय में दो अमर चूमूं तरंगों के अधर नौका भंवर में डालकर, चाहे न फिर पतवार दो, मुझको न सुख—संसार दो। कुछ बात दिल की कह सकूं उपहास जग का सह सकूं सुख—दुख में सम रह सकूं, इतना मुझे अधिकार दो, मुझको न सुख—संसार दो। ©Vinay Shrivastava "

कुछ बात दिल की कह सकूं उपहास जग का सह सकूं सुख—दुख में सम रह सकूं, इतना मुझे अधिकार दो, मुझको न सुख—संसार दो। मैं नित नई पालूं व्यथा मेरी निराली हो कथा जिसका न आदि न अंत हो, वह प्रेम—पारावार दो मुझको न सुख—संसार दो। साहस हृदय में दो अमर चूमूं तरंगों के अधर नौका भंवर में डालकर, चाहे न फिर पतवार दो, मुझको न सुख—संसार दो। कुछ बात दिल की कह सकूं उपहास जग का सह सकूं सुख—दुख में सम रह सकूं, इतना मुझे अधिकार दो, मुझको न सुख—संसार दो। ©Vinay Shrivastava

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