ऐ वक्त तेरा भी क्या कहना। हर दर्द भी हँसकर है सहना | हिंदी कविता Video

"ऐ वक्त तेरा भी क्या कहना। हर दर्द भी हँसकर है सहना। कभी रिश्तों के नाजुक धागे। आ जाते हैं सबसे आगे। ग़लती की ठोकर खाकर के। मंजिल की ओर चले भागे। मायूसी की अनविज्ञ ड़गर। विचलित कर देती, हमें अगर। उद्देश्य मार्ग से अलग-थलग। संशय में थी हर एक नज़र। करनी और किस्मत के बल पर। दृढ़निश्चय, मेहनत के तल पर। सपनों के सागर में बहकर। पाई मंजिल अपने दम पर। ऐ वक्त तेरा भी क्या कहना। हर दर्द भी हँसकर है सहना। ©Anand Prakash Nautiyal tnautiyal "

ऐ वक्त तेरा भी क्या कहना। हर दर्द भी हँसकर है सहना। कभी रिश्तों के नाजुक धागे। आ जाते हैं सबसे आगे। ग़लती की ठोकर खाकर के। मंजिल की ओर चले भागे। मायूसी की अनविज्ञ ड़गर। विचलित कर देती, हमें अगर। उद्देश्य मार्ग से अलग-थलग। संशय में थी हर एक नज़र। करनी और किस्मत के बल पर। दृढ़निश्चय, मेहनत के तल पर। सपनों के सागर में बहकर। पाई मंजिल अपने दम पर। ऐ वक्त तेरा भी क्या कहना। हर दर्द भी हँसकर है सहना। ©Anand Prakash Nautiyal tnautiyal

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