दुःखी अंतर्मन खुद से सवाल कर रहा है, दुनियां में म | हिंदी शायरी

"दुःखी अंतर्मन खुद से सवाल कर रहा है, दुनियां में मोहब्बत का ये क्या हस्र हो रहा है। आफताब का सबब है उजाला करना, लेकिन अब श्रद्धा को टुकड़ों में वो कर रहा है। साहिल तो समंदर से बचने का यकीं था, लेकिन अब निक्की को ये साहिल ही डुबो रहा है। ©Navash2411"

 दुःखी अंतर्मन खुद से सवाल कर रहा है,
दुनियां में मोहब्बत का ये क्या हस्र हो रहा है।

आफताब का सबब है उजाला करना,
लेकिन अब श्रद्धा को टुकड़ों में वो कर रहा है।

साहिल तो समंदर से बचने का यकीं था,
लेकिन अब निक्की को ये साहिल ही डुबो रहा है।

©Navash2411

दुःखी अंतर्मन खुद से सवाल कर रहा है, दुनियां में मोहब्बत का ये क्या हस्र हो रहा है। आफताब का सबब है उजाला करना, लेकिन अब श्रद्धा को टुकड़ों में वो कर रहा है। साहिल तो समंदर से बचने का यकीं था, लेकिन अब निक्की को ये साहिल ही डुबो रहा है। ©Navash2411

#नवश

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