.
कुछ रिश्ते ऐसे बनते हैं जीवन में जिनके ना कोई नाम होते हैं ,जो ना कभी एक हो सकते हैं ।पर हाँ !वह एकदम सहज होते हैं।
एक ना हो पाना उनकी नियति पर हाँ! एक दीवार रहती है इन दो लोगों के बीच। कैसी दीवार ? हाँ !
. एक दीवार है , ईंटों की नहीं...
बंदिशों की,नियमों की,रिवाजों की बड़ी सख्त सी
जिसके एक ओर तुम हो और दूसरी ओर मैं,,
हम सुन सकते हैं महसूस कर सकते हैं
पर मिल नहीं सकते कभी।
©sabr
#mohabbat