भुलाता लाख हूँ लेकिन बराबर याद आते हैं इलाही तर्क- | English Shayari V

भुलाता लाख हूँ लेकिन बराबर याद आते हैं
इलाही तर्क-ए-उल्फ़त पर वो क्यूँकर याद आते हैं
#HasratMohani
#EklakhAnsari

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