White जब प्यार से कोई जलाता है दिया
फिर ज़ोर तो पूरा लगाता है दिया
आख़िर हवाओं से उलझना तो है ही
घर में किसी के तिलमिलाता है दिया
मंदिर में तुम कुछ यूॅं जलाती हो दिया
मानो किसी का दिल जलाता है दिया
जब हाथ लगता है बदन में मोम के
ये दिल पिघलता है बुझाता है दिया
वो रात कैसी थी बताएं क्या तुम्हें
दिन में भी हंगामा मचाता है दिया
कोई ज़रूरत है नइॅं लगाने की तुम्हें
ऑंखों में तेरी झिलमिलाता है दिया
ग़म के अंधेरे में छुपा रहते हुए
पर दोस्ती पूरी निभाता है दिया
Rohit Kumar Madhu
©आगाज़
#Ganesh_chaturthi @aditi the writer amit pandey Kamaal Husain @Kumar Shaurya