एक मजबूर का जब भी, शोषण होता रहता है।  तब एक ही क | हिंदी मोटिवेश

"एक मजबूर का जब भी, शोषण होता रहता है।  तब एक ही क़िताब पर,सबका ध्यान ठहरता है। उसे रचने वाला भी,शोषण की आग में जला था। उसी से ज्ञान का दीप जलाकर,सही रास्ते चला था। एक कलम की ताकत से,सुनहरे अक्षर लिख जाएगा। बाबा साहेब द्वारा निर्मित,संविधान न्याय दिलाएगा।। ©Satish Kumar Meena "

एक मजबूर का जब भी, शोषण होता रहता है।  तब एक ही क़िताब पर,सबका ध्यान ठहरता है। उसे रचने वाला भी,शोषण की आग में जला था। उसी से ज्ञान का दीप जलाकर,सही रास्ते चला था। एक कलम की ताकत से,सुनहरे अक्षर लिख जाएगा। बाबा साहेब द्वारा निर्मित,संविधान न्याय दिलाएगा।। ©Satish Kumar Meena

संविधान

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