नवंबर की सदीँ मे जब ठंड बढती है दीन मे घूप और रात | हिंदी कविता

"नवंबर की सदीँ मे जब ठंड बढती है दीन मे घूप और रात मै ईशक उसे गरम करती है। दाेनाे ही मजेदार है ©Earning coach Kamlesh"

 नवंबर की सदीँ मे जब ठंड बढती है
दीन मे घूप और रात मै ईशक उसे गरम 
करती है।
दाेनाे ही मजेदार है

©Earning coach Kamlesh

नवंबर की सदीँ मे जब ठंड बढती है दीन मे घूप और रात मै ईशक उसे गरम करती है। दाेनाे ही मजेदार है ©Earning coach Kamlesh

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