यादों में सही
ख्वावों में ही सही
बेचैन हो जब दिल मेरा
उस पल के दरमियाँ
आओ बैठो पास मेरे।
यादों की गिरफ्त में
कैद मेरा दिल
दूर अजनबी शहर में
जब भी तन्हाईयों में
आहें भरने लगे
तब उस पल तुम
आओ बैठो पास मेरे।।
✍सुमित जोशी 'राइटर'
©Sumit Joshi
#आओ बैठो पास मेरे