तुमसे मैं कैसे कहूँ, तुम मेरी क्या हो, एक ख्वाब सा | हिंदी कविता Video

"तुमसे मैं कैसे कहूँ, तुम मेरी क्या हो, एक ख्वाब सा चढ़ा, ज़िंदगी का मोती हो। तुम्हारी आँखों में छुपी है मेरी ख्वाहिशें, तुम मेरी धड़कनों की रफ़्तार का गोल्डन फ़िश हो। तुम मेरी सोचों के आईने हो, दिल की आवाज़ हो, हर साँस में बसे, मेरे जीवन का मधुशाला हो। तुम्हारी मुस्कान से सजती है दुनिया मेरी, तुम मेरी कविताओं की अदा, चांदनी का सवाल हो। तुम मेरे जीवन के सपनों की निशानी हो, सबकुछ छोड़कर तुम्हें ही खोजा है रब ने। तुम मेरी जिंदगी के बीते पलों का अर्थ हो, तुम मेरे जन्म-मरण की कहानी, नए रवीन का चरित्र हो। अजनबी दुनिया में मेरी पहचान हो तुम, दिल की आगोश में मेरा आराम हो तुम। तुम्हारी हर मुस्कान, हर बात सच्ची लगती है, तुम मेरी कविताओं की मिस्रित मेहरबानी हो। जब भी तुम्हें देखता हूँ, ज़िंदगी की ख़ुशी मिलती है, तुम मेरे प्यार की सरगम, दिल की तराना हो। तुम्हारे बिना जीना, अधूरी सी हो जाती है, तुम मेरी कहानी के हर अक्षर का अर्थ जाना हो। ©Narendra Negi "

तुमसे मैं कैसे कहूँ, तुम मेरी क्या हो, एक ख्वाब सा चढ़ा, ज़िंदगी का मोती हो। तुम्हारी आँखों में छुपी है मेरी ख्वाहिशें, तुम मेरी धड़कनों की रफ़्तार का गोल्डन फ़िश हो। तुम मेरी सोचों के आईने हो, दिल की आवाज़ हो, हर साँस में बसे, मेरे जीवन का मधुशाला हो। तुम्हारी मुस्कान से सजती है दुनिया मेरी, तुम मेरी कविताओं की अदा, चांदनी का सवाल हो। तुम मेरे जीवन के सपनों की निशानी हो, सबकुछ छोड़कर तुम्हें ही खोजा है रब ने। तुम मेरी जिंदगी के बीते पलों का अर्थ हो, तुम मेरे जन्म-मरण की कहानी, नए रवीन का चरित्र हो। अजनबी दुनिया में मेरी पहचान हो तुम, दिल की आगोश में मेरा आराम हो तुम। तुम्हारी हर मुस्कान, हर बात सच्ची लगती है, तुम मेरी कविताओं की मिस्रित मेहरबानी हो। जब भी तुम्हें देखता हूँ, ज़िंदगी की ख़ुशी मिलती है, तुम मेरे प्यार की सरगम, दिल की तराना हो। तुम्हारे बिना जीना, अधूरी सी हो जाती है, तुम मेरी कहानी के हर अक्षर का अर्थ जाना हो। ©Narendra Negi

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