बड़ा फ़क़िरना सा इश्क है मेरा , और शर्म सार मेरी खुवाइशें ... बुनता हूं,चाहत की चादर को, रोज अपने सब्र भरे धागों से ...!!! ©back bench #Poetry #Shayari #all #everyone #followers Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto