White आसाँ नही था मगर दिल की जुबानी लिक्खी मैंने बिना किसी क़िरदार के कहानी लिक्खी
मुझे कई बार मौके मिले नीद में मर जाने के फिर भी जागते हुए मरने की नादानी लिक्खी
तू साथ रहे या छोड़ दे फ़ैसला तुझ पर छोड़ा दिल के दर खुल जाएँ इतनी आसानी लिक्खी
बुझे हुए चराग और भीगती आँख के बीच बे-हिसाब टूटते ख़्वाबों की निगरानी लिक्खी
ख़त्म होने को हैं अश्कों के मोती भी अब तो हम तो रो पड़े और रो रो के वीरानी लिक्खी
तुम्हारी आँखों को हमेशा सुकून देने के लिए "आकाश" ने तुम्हारी आँखों में हैरानी लिक्खी
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©Heeramb Parrit
#Sad_Status