Arz kiya hai | Live Video | Live Show | Online Ev | हिंदी Poetry

Arz kiya hai

Tuesday, 24 January | 10:30 pm

Price: ₹0.00

Expired

पायलें बाँध के बारिश की करूँ रक़्स-ए-जुनूँ
तू घटा बन के बरस और मैं सहरा हो जाऊँ

अपनी हस्ती को मिटा दूँ तिरे जैसा हो जाऊँ
इस तरह चाहूँ तुझे मैं तिरा हिस्सा हो जाऊँ

दूर तक ठहरा हुआ झील का पानी हूँ मैं
तेरी परछाईं जो पड़ जाए तो दरिया हो जाऊँ

People who shared love close

More like this

Trending Topic