मैं भी जिंदा हूं, मुझको बताना पड़ा
दिल धड़कता है मेरा, दिखाना पड़ा
उठ गया है भरोसा, जमाने से अब
अपने हाथों कफन ये हटाना पड़ा
बोझ सर पे थे बाकी, कई इसलिए
मर गया था मगर, मुझको आना पड़ा
देख कर सब मुझे इतने हैरान हैं
मैं भी इंसान हूं ये बताना पड़ा
धमकियां मिल रहीं थीं मुझे दर्द की
क्या करूं उसको घर पे बुलाना पड़ा
बात बढ़ जाएगी बस यही सोचकर
सर जमाने के आगे झुकाना पड़ा
मुझको मालूम था अपनी इस हार का
दाव फिर भी मुझे ये लगाना पड़ा
गौर से देखिए आप "शैलेश" को
जिसके पीछे ये सारा ज़माना पड़ा
©Shailesh Aggarwal
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