Sign in

आदमी आइना नही होता वक्त को कुछ माना नही होता छूट क | हिंदी शायरी

"आदमी आइना नही होता वक्त को कुछ माना नही होता छूट की उम्र तब तक होती है जब तक सच का सामना नहीं होता ©बीरेंद्र महराज अजब गजब शायर"

 आदमी आइना नही होता वक्त को कुछ माना नही होता छूट की उम्र तब तक होती है जब तक सच का सामना नहीं होता

©बीरेंद्र महराज अजब गजब शायर

आदमी आइना नही होता वक्त को कुछ माना नही होता छूट की उम्र तब तक होती है जब तक सच का सामना नहीं होता ©बीरेंद्र महराज अजब गजब शायर

People who shared love close

More like this

Trending Topic