गुरुप्रसादेन हरिभक्तिः लभते, गुरुं विना हरिभक्तिः | हिंदी Bhakti

"गुरुप्रसादेन हरिभक्तिः लभते, गुरुं विना हरिभक्तिः नास्ति। गुरु की कृपा से हरि की भक्ति प्राप्त होती है, गुरु के बिना हरि की भक्ति नहीं होती। By the grace of the Guru one attains devotion to Hari, without the Guru there is no devotion to Hari. धन्यवाद हर हर महादेव ©Mohan raj"

 गुरुप्रसादेन हरिभक्तिः लभते, गुरुं विना हरिभक्तिः नास्ति।
गुरु की कृपा से हरि की भक्ति प्राप्त होती है, गुरु के बिना हरि की भक्ति नहीं होती।
By the grace of the Guru one attains devotion to Hari, without the Guru there is no devotion to Hari.
धन्यवाद हर हर महादेव

©Mohan raj

गुरुप्रसादेन हरिभक्तिः लभते, गुरुं विना हरिभक्तिः नास्ति। गुरु की कृपा से हरि की भक्ति प्राप्त होती है, गुरु के बिना हरि की भक्ति नहीं होती। By the grace of the Guru one attains devotion to Hari, without the Guru there is no devotion to Hari. धन्यवाद हर हर महादेव ©Mohan raj

#Life Lessons By the grace of the Guru one attains devotion to Hari, without the Guru there is no devotion to Hari.

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