कुछ तमाशा खुद किया है
कुछ तमाशा हो रहा है
फिक्र की तलाश में था मैं
अब ये तलाश, तमाशा हो रहा है
ये किनारा होगा, वो सहारा होगा
ये तो अपना होगा, या वो हमारा होगा
इस तलाश में न जाने और
कब तक गुजारा होगा
कई बार उम्मीद लगती है की
कोई आ रहा होगा
मगर सोचो, जब मैं गलत साबित हुआ
अपने मन को कैसे मारा होगा
खैर, जिंदगी रही तो मैं हूं हीं
तुम अगर कभी आओ, तब भी
ये इंतजार तुम्हारा होगा।
और अगर तुम फिर लौट कर आए
तो मुझे ये इश्क दोबारा होगा
दोबारा होगा।
©Shivam Veer
#तमाशा #तुम्हारा #गुजारा