"White जब टूट जायें खुद को भीड़ में भी तन्हां पायें
होश तो रहता हो मगर कुछ समझ ही ना आये
दिल बैठा सा जाये कोई रास्ता ना नज़र आये
मन बेचैनी के गोते खाये आँखे बरबस यूँ ही झर झर जाये
ये दुनिया ये लोग रास ना आये
बेबसी घुटन सी बन के साँसों में समाये
बस एक पल के लिए सुकून की पनाह ही मिल जाये
पर सुकून के एहसासों में खुद को हम ढूंढ ही ना पायें
©श्रद्धा - एक गहरा समुन्दर"