अंधेरी रातों में भी चमक रह जाएंगी, बिखर जाऊंग | हिंदी शायरी

"अंधेरी रातों में भी चमक रह जाएंगी, बिखर जाऊंगा पर महक रह जाएंगी तोड़ेंगे बड़ी खामोशी से मुझे तोड़ने वाले, मगर टुटनें के बाद भी खनक रह जाएगी। ©दुर्गेश"

 अंधेरी रातों  में  भी  चमक  रह जाएंगी,
बिखर  जाऊंगा  पर  महक  रह  जाएंगी
तोड़ेंगे बड़ी खामोशी से  मुझे तोड़ने वाले,
मगर टुटनें के बाद भी खनक रह जाएगी।

©दुर्गेश

अंधेरी रातों में भी चमक रह जाएंगी, बिखर जाऊंगा पर महक रह जाएंगी तोड़ेंगे बड़ी खामोशी से मुझे तोड़ने वाले, मगर टुटनें के बाद भी खनक रह जाएगी। ©दुर्गेश

#sadness

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