कोई भी शख्स इस जहाँ में तुझसे बढ़कर तो नहीं, एक भी | हिंदी कविता Video
"कोई भी शख्स इस जहाँ में तुझसे बढ़कर तो नहीं,
एक भी तारा कहकशाँ में तुझसे बढ़कर तो नहीं।
सुबह से शाम हुई, तेरा इंतजार ना खत्म हुआ,
जो चाँद निकलेगा आसमां में तुझसे बढ़कर तो नहीं।
"माहिर""
कोई भी शख्स इस जहाँ में तुझसे बढ़कर तो नहीं,
एक भी तारा कहकशाँ में तुझसे बढ़कर तो नहीं।
सुबह से शाम हुई, तेरा इंतजार ना खत्म हुआ,
जो चाँद निकलेगा आसमां में तुझसे बढ़कर तो नहीं।
"माहिर"