पैरों से जमीं, रौंदत्ता है और आसमां....
सर पर...उठा रखा है....!!
बेटे की पढ़ाई.. और बेटी की....शादी,
बाप.. पूरे घर की जिम्मेदारियों को... अपने..
सर पर.. उठा रखा है..!!
वो जो ऊंचा दिख रहा है ना..जिस शख्स का.. सर तुम्हें
उसके नीचे भी देख लो....
किसी ने उसे... कंधों पर.. उठा रखा है..!!