चल पड़े हैं उन रास्तों पर...
जिनका कोई मुकाम नहीं...
हम ऐसे दौर से गुजरे हैं इस वक्त...
ना मंजिल की खबर है ना अपनों की...
मिल जाएगा मुकाम एक दिन...
ऐसी लगा रखी है खुद उम्मीदें...
यू ही सफर कट जाएगा...
जिंदगी का राहुल...
जब तक तेरे होसलो मे उड़ान है ....
दिख जाएगा वो मुकाम भी...
जैसे ऊपर नीला आसमान है...
बस खुद से लगाई आस ना छोड़ना ...
बस थोड़ी सी मुस्कीलो के बाद...
तेरे सपनो का जहांन...
©RAHUL PARDHAN
चल पड़े हैं उन रास्तों पर...
जिनका कोई मुकाम नहीं...
हम ऐसे दौर से गुजरे हैं इस वक्त...
ना मंजिल की खबर है ना अपनों की...
मिल जाएगा मुकाम एक दिन...
ऐसी लगा रखी है खुद उम्मीदें...
यू ही सफर कट जाएगा...
जिंदगी का राहुल...