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बज उठी रणभेरी,जाग गया रक्त वीरों का आज,
हुआ समर का आरंभ,गूंज उठी वीरों की तलवार आज।
ज्वाला धधक रही नैनों में, और हाथों में है शस्त्र आज।
भालों और तलवारों से दुश्मनों की चीत्कारों से गूंज रहा रणक्षेत्र आज।
जन्मभूमि की खातिर समर है, प्रशस्त वीरों की गाथा से आज।
वीरों का बलिदान व्यर्थ न जाएगा ,
स्वर्णाक्षरों में नाम वीरों का इतिहास में लिखा जाएगा।
समर रहेगा याद यह,बस याद करने वाला बदल जाएगा।
जब जब इतिहास खुद को दोहराएगा,
वीरों को याद अभिमान से किया जाएगा।।
©aditi the writer
#युद्ध @Kumar Shaurya आगाज़ @m raj. g @vineetapanchal