ख़ुशियों की लहर आई तो उछल पड़ी मैं
महफ़िल सज गई ,इश्क़ के बगिया में
फूल सी खिलने लगी मैं..
ज़िंदगी का सिक्का चमका ,चमकती आँखों में...
कलियों ने भी ली झूम के अंगराई...
आँखों के समुदर में ख़ुशियों की धूप फिर से खिल आई..
फूलों-फूलों में छा गई इश्क़ की लहर
हर नज़र देखे ख़ुश है बागे-सहर
दीवाने भोरे ने छेड़ा मधुर राग है
गुले गुलजार हो रहा मेरे प्यार का चमन है।
चेहरे पे खिल गई है रौनक,मुस्कुरा रहे मेरे अधर है
नित्य कर रहे पॉव मेरे, उमंगों और मस्तियों की डगर है
#rain