अंधेरे रास्तों में जुगनू का सहारा लिए फिर से चल द | हिंदी Shayari

"अंधेरे रास्तों में जुगनू का सहारा लिए फिर से चल दिये घर से अपने मुकाम को हासिल होगा क्या वो मेरा रब जानता है टिम-टिमाते तारों के बीच में... आसमां का चिराग होने में थोड़ा समय तो लगता है ©Kandari.Ak"

 अंधेरे रास्तों में जुगनू का सहारा लिए 
फिर से चल दिये घर से अपने मुकाम को
हासिल होगा  क्या  वो  मेरा  रब  जानता  है
टिम-टिमाते तारों के बीच में... 
आसमां का चिराग होने में थोड़ा  समय तो लगता है

©Kandari.Ak

अंधेरे रास्तों में जुगनू का सहारा लिए फिर से चल दिये घर से अपने मुकाम को हासिल होगा क्या वो मेरा रब जानता है टिम-टिमाते तारों के बीच में... आसमां का चिराग होने में थोड़ा समय तो लगता है ©Kandari.Ak

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