साहिर लुधियानवी जी की नज़्म ◆◆◆◆◆ ये चमन-ज़ार ये ज | English कविता Vide

साहिर लुधियानवी जी की नज़्म
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ये चमन-ज़ार ये जमुना का किनारा ये महल
ये मुनक़्क़श दर ओ दीवार ये मेहराब ये ताक़

इक शहंशाह ने दौलत का सहारा ले कर
हम ग़रीबों की मोहब्बत का उड़ाया है मज़ाक़

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