इधर उधर से रोज ना तोड़िये हमें,
अगर खराब है तो छोड़िए हमें ।
हम आपके परछाई के पास भी नही आयेंगे ,
अगर लौट आए तो जो चाहे बोलिए हमे।
रोज रोज समझतों से रहना मुस्किल है,
अब हर बात बात में न तौलिए हमे।
ताल्लुकात, मुलाकात, बात नही करना मुझे,
अपने नाम के साथ अब न जोड़िए हमे।
हर गली में बहुत है तुम्हारे चाहने वाले ,
अब उन्हे सताइए और छोड़िए हमे।
©Brok Boy
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