हिन्दू बने नौजवानों! कब समझोगे कि क़लम पकड़ने वाले हाथों में तलवार पकड़ा कर वे तुमको दंगाई बना चुके हैं? अपने बच्चों को वे अच्छी तालीम व बेहतर रोज़गार देकर रुपए कमवा रहे और तुमसे मस्ज़िद के सामने नंगा नाच नचवा रहे. जब तक समझोगे, वे सब लूटकर तुम्हें अकेला छोड़ जाएंगे. क्या मिलेगा?
©Virendra yadav veeru
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