White भर लेती हूँ मांग, माथे पे बिंदीया सजा लेती हूँ,
क्योंकि मैं शादीशुदा हूँ,,
आती है याद माँ की बहुत,
मगर चुपके से रसोईघर में आँसू बहा लेती हूँ
क्योंकि मैं शादीशुदा हूँ,,
शृंगार से छुपा लेती हूँ सारी तकलीफ़ घर की
सब ठीक ठाक बता देती हूँ,
क्योंकि मैं शादीशुदा हूँ,,
सब की ख्वाहिशें करती हूँ पूरी,
बस अपनी छुपा लेती हूँ,
क्योंकि मैं शादीशुदा हूँ,,
माँ कहती है ससुराल से ही अब उठनी चाहिए तेरी अर्थी,
क्योंकि मैं शादीशुदा हूँ,,,,,
नज़र
©NAZAR
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