होली से याद आया कि होली नहीं है हमसबों का त्योहार;
यह है षड्यंत्रकारियों का त्योहार।
यह है सत्य पर असत्य के विजय का त्योहार;
यह है पाखंडियों का त्योहार।
यह है प्रमादियों का त्योहार;
यह है हुड़दंगियों का त्योहार।
ये बातें कह रहे हैं इतिहास के जानकार;
मत मनाइये यह त्योहार।
— रत्नेश, मुज़फ्फ़रपुर (बिहार)।
©RATNESH KUMAR