बात केवल औपचारिक, बस इशारा कर रहे हैं । काग | हिंदी कविता Video

" बात केवल औपचारिक, बस इशारा कर रहे हैं । कागजी मुस्कान से ही, हम गुजारा कर रहे हैं । क्या हुआ है राम जाने, भावना मर ही गई अब ; चल रहे नजरें चुरा कर, सब किनारा कर रहे हैं । ©M R OJHA "

बात केवल औपचारिक, बस इशारा कर रहे हैं । कागजी मुस्कान से ही, हम गुजारा कर रहे हैं । क्या हुआ है राम जाने, भावना मर ही गई अब ; चल रहे नजरें चुरा कर, सब किनारा कर रहे हैं । ©M R OJHA

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