White उससे एक रोज़ उसी रास्ते पर अचानक मुलाकात हुई | हिंदी Poetry

"White उससे एक रोज़ उसी रास्ते पर अचानक मुलाकात हुई, वो मिली और मुस्कुराते हुए पूछने लगी, "अरे वाह, आप तो बदल गए हो।" मैंने भी बड़े अदब से जवाब दिया, "मेरी आँखें थोड़ी सी कमजोर हैं, ये बिसरे हुए लोगों के चेहरे नहीं पहचान पातीं।" ©Raj Pokhriyal"

 White उससे एक रोज़ उसी रास्ते पर अचानक मुलाकात हुई, वो मिली और मुस्कुराते हुए पूछने लगी, 



"अरे वाह, आप तो बदल गए हो।"



मैंने भी बड़े अदब से जवाब दिया,

 "मेरी आँखें थोड़ी सी कमजोर हैं, ये बिसरे हुए लोगों के चेहरे नहीं पहचान पातीं।"

©Raj Pokhriyal

White उससे एक रोज़ उसी रास्ते पर अचानक मुलाकात हुई, वो मिली और मुस्कुराते हुए पूछने लगी, "अरे वाह, आप तो बदल गए हो।" मैंने भी बड़े अदब से जवाब दिया, "मेरी आँखें थोड़ी सी कमजोर हैं, ये बिसरे हुए लोगों के चेहरे नहीं पहचान पातीं।" ©Raj Pokhriyal

"मेरी आँखें थोड़ी सी कमजोर हैं, ये बिसरे हुए लोगों के चेहरे नहीं पहचान पातीं।"

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